मैं अहसास हूँ हर अनकही बात का
सवेरा हूँ हर काली अँधेरी रात का
मैं रंजिश हूँ शब्दों के अपवाद का
पूर्णविराम हूँ हर अपूर्ण संवाद का

मैं सत्य हूँ हर व्यर्थ अनुमान का
क्षितिज हूँ अल्फाज़ो के आसमान का
मैं साक्ष्य हूँ हर निराधार इल्जाम का
प्रतिबिंब हूँ आरोपों की ढलती शाम का

मैं अक्स हूँ हर अवाचित कष्ट का
बेकसी हूँ हर अपठित पत्र का
मैं अवशेष हूँ ह्रदय के उन्माद का
विस्मृति हूँ हर कष्टदाई याद का

मैं गहन चिंतन हूँ अचिन्तय विचारों का
आवरण हूँ सन्निहित संस्कारो का
मैं त्याग हूँ अनेक कल्पित अरमानो का
प्रमाण हूँ जीवन के असंख्य बलिदानों का

Share: